Answer:
सारंगी , इसराज, दिलरुबा, तारशहनाई, सरोद, बांसुरी आदि वाद्य संगत के लिए उपयोग में लाए जाने लगे। आधुनिक काल के आते -आते हारमोनियम, वाइलिन आदि पाश्चात्य वाद्यों का भी प्रयोग शास्त्रीय संगीत में संगत वाद्य के रूप में किया जाने लगा।